बीमारियों को दूर रखने के लिए 7 दिन का डाइट चार्ट एवं विभिन्न बीमारियों के लिए डाइट चार्ट

आज शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा, जिसका रोजाना का खान-पान बिल्कुल स्वस्थ तरीके से होता हो। अनेक लोग घर से बाहर ही भोजन करना पसंद करते हैं। अधिकांश लोग फास्ट फूड आदि का बहुत अधिक सेवन करते हैं। आप सभी को पता है कि घर से बाहर बना भोजन शुद्ध तरह से नहीं बनाया जाता है, जिसका नतीजा यह होता है कि लोग बीमार पड़ने लगते हैं। ऐसे में जब भी डॉक्टर के संपर्क में जाते हैं तो डॉक्टर मरीज को सबसे पहले अपना डाइट प्लान बदलने की सलाह देते हैं। इसलिए आज नार्मल डाइट प्लान प्रत्येक व्यक्ति की जरूरत बन गया है।

हेल्दी डाइट चार्ट ना सिर्फ रोगी के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि सभी लोगों को इससे लाभ मिलता है, क्योंकि दैनिक आहार तालिका का पालन कर आप खुद के साथ अपने परिवार को भी स्वस्थ बना सकते

संतुलित आहार (स्वस्थ भोजन) क्या है?

वह कोई भी पदार्थ जो शर्करा (Carbohydrate), वसा, जल तथा प्रोटीन से बना हो, और जिसे जीव द्वारा जीवन जीने के लिए ग्रहण किया जा सके, उसे भोजन कहते हैं। भोजन में अनेक पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के विकास एवं वृद्धि के लिए आवश्यक होते हैं। भोजन से विभिन्न पौष्टिक तत्व मिलते हैं, जैसे- कार्बोज, प्रोटीन, वसा, खनिज-लवण, विटामिन्स और जल आदि। पौष्टिक तत्व आपके शरीर में पोषण स्तर को बनाए रखता है ताकि आप स्वस्थ रहें।  इसलिए ना केवल जीवित रहने के लिए, बल्कि स्वस्थ और सक्रिय जीवन बिताने के लिए संतुलित आहार का सेवन करना जरूरी होता है।   

अच्छे स्वास्थ्य और मानसिक विकास के लिए संतुलित भोजन मूल आधार है। वायु और जल के बाद शरीर के लिए भोजन ही आवश्यक होता है। भोजन ग्रहण करने पर पाचक रस उस पर अपना काम करता है, और भोजन से जरूरी पोषक तत्व शरीर द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। इससे ही आपका स्वास्थ्य बेहतर होता है। मनुष्य जिस तरह का भोजन ग्रहण करता है, उस पर ही मनुष्य की स्वास्थ्य स्थिति निर्भर करती है। 

भोजन से मुख्यतः आपके शरीर को ये लाभ होते हैंः-

  • शरीर को ऊर्जा मिलती है।
  • शारीरिक तन्तुओं का निर्माण होता है।
  • बीमारियों से बचाव होता है।
  • शारीरिक गतिविधियों सुचारू रूप से जारी रहती हैं।

पुरुषों के लिए संतुलित आहार चार्ट

  • कार्ब्स और प्रोटीनयुक्त भोजन करें।
  • सोने से लगभग एक घण्टा पहले भोजन करने की आदत डालें।
  • इसके साथ ही सुबह व्यायाम एवं टहलने की आदत डालनी चाहिए।
  • सुबह उठकर एक गिलास दूध, जिसमें मलाई ना हो ले सकते हैं। इसके साथ 3-4 बादाम खाएँ।
  • शाम को थोड़ी मात्रा में स्नैक्स जैसे- जूस, फल, ग्रीन टी, नट्स आदि लेने से ऊर्जा का स्तर बना रहता है।
  • नाश्ते में अंकुरित अनाज, मौसमी फल या उपमा ले सकते हैं। नाश्ते में कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार का सेवन करना चाहिए।
  • दोपहर के भोजन में दाल, रोटी, सब्जी, चावल एवं सलाद ले सकते हैं। इसके साथ में एक कप दही या छाछ भी लेना चाहिए।
  • रात में कम एवं हल्का भोजन करना चाहिए। रात के भोजन में चावल ना लें। केवल रोटी, सब्जी एवं सलाद ले सकते हैं।

महिलाओं के लिए संतुलित आहार चार्ट

महिलाओं के लिए पोषण संबंधी आवश्यकताएँ पुरुषों से भिन्न होती है। महिलाएँ को मासिक धर्म के कारण पुरुषों की तुलना में अधिक आयरन की आवश्यकता होती

  • महिलाओं को नाश्ते में प्रोटीनयुक्त आहार लेना चाहिए।
  • ब्रेड या फिर दलिया के अंकुरित अनाज का सेवन करें।
  • मौसमी फलों का सेवन करें। दूध और नट्स भी नाश्ते में ले सकते हैं।
  • दिन का भोजन, कार्ब्स, प्रोटीन और वसा से युक्त करें।
  • भोजन में 2 रोटी, एक कटोरी चावल, दाल, सब्जी, सलाद एक दही का सेवन करें।
  • शाम के वक्त ग्रीन टी, जूस, फल या नट्स ले सकते हैं।
  • रात का भोजन दिन की तुलना में हल्का होना चाहिए। 2 रोटी, सब्जी, सलाद एवं कटोरी दाल लेनी चाहिए।
  • रात में सोने से पहले एक गिलास दूध पिएँ।

हर व्यक्ति की शारीरिक संरचना और उसके द्वारा की जाने वाली मेहनत के हिसाब से खान-पान की आवश्यकता अलग-अलग होती है। दिमाग सुचारु रूप से काम करता रहे और शरीर थके नहीं, इसके लिए हर वयक्ति को लगभग 1200 से 1800 कैलोरी की आवश्यकता होती है। इतनी कैलोरी ऊर्जा के रूप में शरीर में बेहतर ढंग से संचारित हो जाती है, जो वसा के रूप में शरीर में नहीं जमती।

इसलिए आहार चार्ट में खाद्य पदार्थों की मात्राएं कैलोरी के हिसाब से इतनी होनी चाहिएः-

  • दिन के तीन मुख्य भोजन जैसे – नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना 300 से 350 कैलोरी का रखें।
  • बाकी 300 कैलोरी में स्नैक्स और अन्य चीजों को रखें।
  • ग्रीन टी का सेवन करें।
  • मैदा और चावल बिल्कुल ना खाएँ। जो भी खाना खाएँ वह गेहूँ से बना हो, या ब्राउन चावल हो।
  • सुबह उठते ही पानी पिएँ। लगभग 2 गिलास गुनगुना पानी पिएँ।
  • नाश्ते में ओट्स का सेवन करें, लेकिन बाहर का प्रिजरवेटिव युक्त ओट्स ान हो। सादे ओट्स लाकर उसमें प्याज, लहसुन, दालचीनी, कलौंजी, ब्रौकली और नमक आदि डालकर बनाएँ। कभी-कभी कॉर्नफ्लेक्स और मलाई उतरे हुए दूध का सेवन करें।
  • दिन के भोजन और नाश्ते के बीच में 5-10 बादाम, कॉफी या ग्रीन टी, अदरक, तुलसी, दालचीनी और अदरक, इलायची से बनी चाय का सेवन करें। इसमें चीनी न मिलाएँ।
  • दिन के भोजन में एक कटोरी ब्राउन राइस, सलाद, दाल एवं दो रोटी का सेवन करें। इसके साथ में एक कटोरी सलाद भी लें।
  • शाम के समय कोई भी सब्जियों से बना सूप या ग्रीन टी लें।
  • रात के भोजन में एक कटोरी वेज सूप, एक कटोरी सलाद, एक बड़ी कटोरी पपीता या एक कटोरी भरकर उबली हुई सब्जियाँ खाएँ, इसमें लहसुन और प्याज भी डालें।

डायबिटीज़ के लिए आदर्श डाइट चार्ट

सुबह का नाश्ता (Breakfast)

  • ओट्स या दलिया (Oats or Porridge): ये फाइबर से भरपूर होते हैं और शुगर को धीमे-धीमे रिलीज करते हैं।
  • अंडे का सफेद हिस्सा (Egg White): प्रोटीन का अच्छा स्रोत और शुगर लेवल को स्थिर रखता है।
  • मल्टीग्रेन टोस्ट (Multigrain Toast) के साथ थोड़ी सी पीनट बटर।
  • ब्लैक कॉफी या ग्रीन टी बिना चीनी के।

मिड-मॉर्निंग स्नैक्स

लंच (Lunch)

  • सब्जियों से भरी हुई रोटी या मल्टीग्रेन रोटी (Whole Wheat Chapati)
  • दाल (Lentils) या पनीर (Cottage Cheese)
  • हरी पत्तेदार सब्जियां (Leafy Greens): जैसे पालक, मेथी या ब्रोकली।
  • सलाद (Salad) जिसमें खीरा, टमाटर, और गाजर शामिल हो।
  • दही (Curd) बिना चीनी के।

 

शाम का नाश्ता (Evening Snack)

डिनर (Dinner)

  • ग्रिल्ड चिकन या मछली (Grilled Chicken or Fish)
  • स्टीम की हुई सब्जियां (Steamed Vegetables)
  • ब्राउन राइस (Brown Rice) या क्विनोआ (Quinoa)
  • हल्की सब्जियों का सूप (Vegetable Soup)

रात का हल्का स्नैक (Late Night Snack)

वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट

  • सुबह उठते ही : पानी पिएं, हो सके तो कम से कम दो गिलास और ज्यादा से ज्यादा एक लीटर। पानी हल्का गुनगुना होगा तो अच्छी बात है वरना जैसा आपको ठीक लगे।
  • अगर हो सके तो कुंज्जल करें : यह एक यौगिग क्रिया है जिसे वमन धौती भी कहा जाता है। इसमें तकरीबन दो लीटर हल्का गर्म पानी पीकर उल्टी की जाती है। अगर बीपी की प्रॉबलम नहीं है तो पानी में हल्का नमक भी मिला लें। यह वैसे तो बहुत आसान है मगर बेहतर होगा शुरू में आप किसी जानकार के सामने यह करें उसके बाद आप खुद कर सकती हैं।
  • नाश्ता : ओट्स बनायें मगर ये इंस्टेंट ओट्स न हों। सादे ओट्स का पैकेट लाएं और उसमें प्याजलहसुनदालचीनी, जरा सी मंगरैल उर्फ कलौंजी डालें, बाकी नमक वगैरा तो डालना ही है। इसमें मौसम के हिसाब से सब्जियां डाल सकती हैं। हो सके तो ब्रोकली जरूर डालें या कॉर्नफ्लेक्स और डबल टोंड दूध या अगर आप नॉन वेजिटेरियन हैं तो तीन या चार उबले अंडे का सफेद हिस्सा। चाहें तो बिना चीनी वाली नींबू की शिकंजी। शिकंजी पहले पियें बाद में अंडे खाएं या कभी कभी आप नाश्ते में दही के साथ उबला आलू भी ले सकती हैं। इसमें हरा धनिया भी डाल लिया करें।
  • ब्रंच : पांच से दस बादाम, साथ में कॉफी या ग्रीन टी या अदरक, तुलसी, दालचीनी, इलाइची वगैरा की चाय बस इसमें चीनी की बजाए शुगर फ्री हो।
  • लंच: एक कटोरी ब्राउन राइस, सलाद, दाल, मल्टी ग्रेन आंटे की एक या दो रोटी।
  • शाम की चाय-शाय: कोई वेज सूप या भुने चने के साथ चाय या कॉफी या ग्रीन टी। चाहें तो स्प्राउट भी ले सकती हैं।
  • रात का खाना एक कटोरा वेज सूप, एक कटोरा सलाद, या एक बड़ा कटोरा पपीता या एक कटोरा भरकर सब्जियां इसमें लहसुन, प्याज जरूर हो या नॉन वेजेटेरियन हैं तो तीन एग व्हाइट या 150 ग्राम चिकन ब्रेस्ट, या दो लेग पीस।
  • तीन मुख्य भोजन, जैसे नाश्ता, दोपहर का खाना और रात का खाना 300 से 350 कैलोरी का रखें।
  • बाकी बचे 300 कैलोरी में स्नेक्स तथा अन्य चीजों को रखें।
  • बेवरेज के तौर पर ग्रीन टी अपनाएं। ग्रीन टी वजन कम करने में सहायक है।
  • जो भी खाना खाएं, सभी गेहूं से बना हो या ब्राउन चावल हो। मैदा या सफेद चावल न खाएं।

कैंसर के मरीजों के लिए डाइट चार्ट

एक डाइट प्‍लान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि कैंसर रोगी अपने भोजन का सेवन बेहतर तरीके से करें। यह उनके निर्धारित एंटी-कैंसर उपचार में रुकावट के जोखिम को कम करता है, जिससे उपचार के परिणामों और उनके जीवन में सुधार होगा।

  • एक कैंसर रोगी को प्रति दिन अपने वजन के हिसाब से प्रति किलो 25 से 30 कैलोरी लेनी चाहिए। प्रोटीन उनके आहार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्‍सा है। रोगी को प्रति दिन5 ग्राम प्रति किलोग्राम vajan की मात्रा में सेवन करने की सलाह दी जाती है।
  • बड़ी मात्रा में भोजन सेवन करने की बजाय मरीज़ को 5 से 6 हिस्सों में बांटने की सलाह दी जाती है।
  • पैदल चलें और हल्का व्यायाम जैसे करें इससे आपकी भूख को सुधारने में मदद मिलेगी और इससे आप पर्याप्‍त कैलोरी का सेवन करेंगे। यदि आवश्यक हो, तो डॉक्टर आपकी भूख को सुधारने के लिए दवा भी दे सकते हैं।

खाने में क्या खाएं?

कैंसर रोगियों के लिए संतुलित आहार में सब्जियां, फल और साबुत अनाज शामिल होते हैं। आहार में पर्याप्त मात्रा में पानी शामिल करना सबसे ज़रूरी है। आपका आहार आपको लगभग 18.5 और 25 kg/m2 के बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) को बनाए रखने में मदद करता है।

नीचे दी जानकारी उन लोगों के ल‍िए हैं, जो कैंसर के रौगी हैं और जिनका उपचार चल रहा है। यदि आपको मधुमेह (डायबिटीज) जैसी समस्‍या है, तो आप ये मील प्‍लान फॉलो करने से पहले अपने चिकित्सक या डायटिशियन से सलाह ज़रूर लें। 

स्नैक् और छोटी मील 

सुबह के नाश्‍ते, चाय के समय के नाश्ते और खाने के बीच में स्‍नैक्‍स में आप इन हल्के आहार का सेवन कर सकते हैं। तीन बड़ी मात्रा में भोजन सेवन करने की बजाय छोटी मील आपकी सेहत के लिए बेहतर होती है, इसलिए आप इन्‍हें किसी भी समय पर ले सकते हैं। 

छोटे मील में आप प्रोटीन का सेवन ज्‍यादा करें। नीचे दी गई सूची में से आप इन चीजों का सेवन आसानी से कर सकते हैं: 

1- अंडे: प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत होने के चलते, हर तरह से खासतौर पर अंडा भूर्जी या हाफ फ्राइड आपकी भूख में सुधारने मदद करते हैं।

2- ड्राई फ्रूट्स : बादाम जैसे ड्राई फ्रूट्स प्रोटीन का अच्‍छा स्रोत है, यह एक बढि़या और स्‍वाटिष्‍ट स्‍नैक के तौर पर इस्‍तेमाल किया जा सकता है। 

3- पीनट बटर : बाज़ार में आपको कई प्रकार के पीनट बटर मिल जाएंगे। जो मीठा भी नहीं होता, आप इसे टोस्ट या रोटी में लगाकर खा सकते हैं। 

4- पनीर : पनीर क्यूब्स का सेवन सेहत के ल‍िए काफी अच्‍छा है। घर पर बना पनीर आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए प्रोसेस्ड वाले से ज्‍यादा अच्‍छा है। 

5- स्प्राउट्स : स्प्राउट्स (अंकुरित मूंग दाल) को नींबू और नमक के साथ मिलाकर खाया जा सकता है, अगर आपको मीठा पसंद है तो आप उसमें थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं।  

6- उत्तपम: दक्षिण भारतीय व्यंजन स्प्राउट्स (अंकुरित मूंग दाल) और चावल के मिश्रण से बनाए जाते हैं। आप स्वाद के लिए इसमें प्याज, धनिया, टमाटर आदि डाल सकते हैं। 

7- दही वड़ा: दही और मूंग दाल जैसे हाई प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों का एक संयोजन पौष्टिक विकल्प हो सकता है। 

8- स्मूदी: दूध के साथ केले और सेब जैसे फलों को मिलाकर, आप कई प्रकार के मिल्कशेक और स्मूथी बना सकते हैं। आप चाहें तो गाजर, पालक और चुकंदर जैसी सब्जियों को भी इसमें शामिल कर सकते हैं। इसको गाढ़ा और ज्‍यादा हेवी करने के लिए आप इसमें ओट्स या ड्राई फ्रूट्स मिला लें।

मुख्य भोजन

मुख्य भोजन में इन चीजों को ज़रूर शामिल करें:

अनरिफाइंड फ्लोर (अपरिष्कृत आटा

हमारा एक वक्‍त का खाना अनरिफाइंड फ्लोर (अपरिष्कृत आटा) जैसे बाजरा, ज्वार, जई, ब्राउन राइस आदि का बना होना चाहिए। ये लगातार थकान और कमजोरी से न‍िपटने के लिए हमारे शरीर के अंदर ऊर्जा का स्तर बनाए रखने में मदद करते हैं।

जैसे: ब्राउन राइस खिचड़ी, ज्वार की रोटियां, ओट्स का दलिया

प्रोटीन

मीट, दाल और बीन्स, सोयाबीन, डेयरी उत्पाद, आदि प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं।

1- आपको ध्‍यान रखना है कि इसमें आप हल्‍के मीट का सेवन करें जैसे कि मछली। रेड मीट खाने से बचें क्योंकि ये पचाने में थोड़ा मुश्किल होता है।

2- मटर, छोले (चना), दाल (दाल), किडनी बीन्स (राजमा) में प्रोटीन अच्‍छी मात्रा में होता है। 

3-दही का रायता बनाकर आप इसे अपने हर मील में शामिल कर सकते हैं। आप चाहे तो इसमें हल्‍के मसालें भी डाल लें।

हरे फल और सब्जियां 

हैदराबाद की अमेरिकन ऑन्कोलॉजी इंस्टीट्यूट- मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ सुधा सिन्हा कहती हैं, “कि हमें हर दिन दो से तीन कप सब्जियों का सेवन करना चाहिए। बहुत से लोग मानते हैं कि क्योंकि वे शाकाहारी हैं, वे बहुत सारी सब्जियों का सेवन करना उनके ल‍िए कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन, ऐसा हमेशा नहीं होता। हमारे भोजन में सब्जियों की मात्रा दो से तीन कप तक बढ़ाना काफी ज़रूरी है।” इसके अलावा, वह रोज़ाना एक से दो फल खाने की सलाह भी देती हैं।

अन् फाइबर 

  • कैंसर रोगियों में कब्ज की समस्‍या एक आम शिकायत होती है, ऐसे में पाचन प्रक्रिया को सही करने के लिए फाइबर को अपने खाने में शामिल करना ज़रूरी है।
  • खाने में सलाद की कुछ मात्रा ज़रूर लें, जिसमें आप हरी और गहरे पीले रंग की सब्जियों का सेवन कर सकते है।

पेय पदार्थ

आपके डॉक्टर द्वारा आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए दिन भर बहुत सारा पानी पीने की सलाह दी जाती है। पानी के अलावा, आप फलों का रस और नींबू पानी का सेवन भी कर सकते हैं। 

क्या करें?

आपके शरीर के लिए हानिकारक तत्‍व (जैसे तंबाकू) या कुछ और जो आपके एनर्जी लेवल को अचानक से बढ़ा देते हैं, बाद में कमज़ोर कर देते हैं, इस तरह के तत्‍वों का सेवन करने से बचें। नीचे कुछ निम्न तत्‍व द‍िए हैं : 

  • हॉट और कोल्‍ड पेय पदार्थों में परिष्कृत चीनी (रिफाइंड शुगर) का इस्‍तेमाल किया जाता है, या इसका सेवन मीठे या डेसर्ट के तौर पर किया जाता है।
  • प्रोसेस्‍ड फूड का अतिर‍िक्‍त नमक 
  • शराब
  • कैफीन युक्त पेय
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थायराइड पीड़ितों के लिए डाइट चार्ट

  • आयोडीन युक्त खाना
    थायराइड पीड़ितों को खाने-पीने के में आयोडीनयुक्त खाद्यपदार्थों को शामिल करना चाहिए. यानी ऐसे खाद्य पदार्थ जिसमें आयोडीन की पचुर मात्रा में पाया जाता हो. इसका कारण ये है कि आयोडीन की मात्रा ही थायराइड की क्रियाशीलता को प्रभावित करती है
  • खाने का स्त्रोत
    आयोडीन के लिए हम समुद्री जीवों या समुद्र से प्राप्त खाद्य पदार्थों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. मछलियों, समुद्री शैवाल और समुद्री सब्जियों में प्रचुर मात्रा में आयोडीन पाया जाता है
  • कॉपर और आयरन
    इसके अलावा कॉपर और आयरन से युक्‍त आहार लेना भी थायराइड में काफी लाभदायक होता है. इससे थायराइड ग्रंथि की क्रियाशीलता में वृद्धि होती है
  • इसके स्त्रोत
    कॉपर के लिए आपको काजू, बादाम और सूरजमुखी का बीज लेना चाहिए. इसमें कॉपर की प्रचुरता होती है
  • आयरन की भूमिका
    आयरन के लिए हरी और पत्‍तेदार सब्जियों से बेहतर विकल्प तो हो ही नहीं सकता है. विशेष रूप से पालक में आयरन की भरपूर मात्रा पायी जाती है
  • पनीर और हरी मिर्च
    थायराइड के मरीजों को पनीर और हरी मिर्च के साथ-साथ टमाटर का भी सेवन करना चाहिए. क्योंकि ये भी थायराइड गंथि के लिए बेहद फायदेमंद है
  • विटामिन और मिनरल्स
    आपको अपने डाइट चार्ट में विटामिन और मिनरल्‍स युक्‍त आहार को प्राथमिकता देनी चाहिए. इससे थायराइड ग्रंथि की क्रियाशीलता में इजाफा होता है
  • आइस क्रीम और दही
    थायराइड में कम वसायुक्‍त आइसक्रीम और दही का भी सेवन भी थायराइड के मरीजों के लिए काफी लाभदायक है
  • गाय का दूध
    इसके अलावा कुछ घरेलु उपाय भी अत्यंत लाभदायक है जैसे कि गाय का दूध भी इसके मरीजों को पीना चाहिए
  • नारियल का तेल
    नारियल के तेल से भी आप थायराइड ग्रंथि की सक्रियता बढ़ा सकते हैं. इसके उपयोग में आसान बात ये है कि इसका प्रयोग आप खाना बनाने के दौरान भी कर सकते हैं.
  • इन खाद्य-पदार्थों के इस्तेमाल से बचें
  • थायराइड के मरीजों के डाइट चार्ट में सोया और उससे बने खाद्य-पदार्थों का कोई स्थान नहीं रहना चाहिए
  • थायराइड के मरीजों को जंक और फास्‍ट फूड से भी दूर ही रहना चाहिए. क्योंकि फास्ट फ़ूड थायराइड ग्रंथि को प्रभावित करते हैं
  • यदि परहेज करने वाली सब्जियों की बात करें तो ब्राक्‍कोली, गोभी जैसे खाद्य-पदार्थों से दूर ही रहना चाहिए

दिल के मरीजों के लिए डाइट चार्ट

  1. चोकर युक्त अनाज जौ, गेहूं ज्वार, बाजरा आदि का सेवन करना चाहिए
  2. हार्ट के रोगी को सेव व आंवले के मुरब्बे का सेवन अवश्य करना चाहिए क्योंकि इन्हें दिल के लिए अच्छा माना गया है। इसके अलावा लहसुन का भी नियमित सेवन करना उपयोगी होता है।
  3. दालों में मूंग, अरहर, मसूर, सोयाबीन और मटर का सेवन करना चाहिए
  4. दिल के रोगी को सब्जियों में लौकी, परवल, करेला, तोरई, टिंडों, टमाटर, पालक, ब्रोकली, हरा धनिया, मेथी, गाजर, लहसुन, शिमला मिर्च आदि का सेवन करना लाभदायक होता है।
  5. फलों में सेव, स्ट्रॉबेरी, काला अंगूर, अमरूद, पपीता, नाशपाती, केला, आलूबुखारा, अनार आदि फलों का सेवन करना चाहिए
  6. सूखे मेवों में अखरोट, चैरी, बादाम, अंजीर, ब्लूबेरी, क्रेनबेरी आदि का सेवन करना चाहिए
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड:मछली जैसे सैल्मन, सार्डिन और ट्राउट में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो दिल की सेहत को बढ़ावा देते हैं। अगर मछली न पसंद हो तो आप अलसी, चिया सीड्स और अखरोट का सेवन कर सकते हैं

क्या न खाएं

  • – संतृप्त और ट्रांस फैट: तले हुए भोजन, बेक्ड फूड्स और प्रोसेस्ड स्नैक्स से बचें क्योंकि इनमें ट्रांस और संतृप्त वसा होती है, जो दिल की सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • – चीनी और नमक: अत्यधिक चीनी और नमक दिल की बीमारियों को बढ़ा सकते हैं। हार्ट अटैक के बाद, मिठाई, सोडा और अन्य मीठे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। इसके अलावा, नमक का सेवन भी कम करना चाहिए क्योंकि यह उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है।
  • – लाल मांस और प्रोसेस्ड मीट: उच्च मात्रा में लाल मांस (जैसे मटन, बीफ) और प्रोसेस्ड मीट (सॉसेज, बैकन) से परहेज करें, क्योंकि इनमें सैचुरेटेड फैट्स होते हैं, जो हृदय रोग को बढ़ावा देते हैं।

अस्थमा के मरीजों के लिए डाइट प्लान

अस्थमा में क्या खाएं

अस्थमा डाइट प्लान से पहले जानें अस्थमा में कौन-कौन से खाद्य पदार्थ खाने चाहिए।

इस बात के पर्याप्त सुबूत मौजूद हैं कि विटामिन C और E, बीटा कैरोटीन, फ्लैवोनॉइडस, मैग्नीशियम, सेलेनियम और ओमेगा-3 फैटी एसिडस युक्त खाद्य पदार्थ खाने से अस्थमा के होने की संभावना कम हो जाती है।

  • विटामिन C :  विटामिन C युक्त खाद्य पदार्थ हैंखट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, कीवी, ब्रोकली, टमाटर, मटर आदि।
  • विटामिन E युक्त आहार: विटामिन E युक्त आहार जैसे पालक, आम,बादाम, मूंगफली, पीनट बटर, सूरजमुखी के बीज आदि।
  • बीटा कैरोटीन युक्त आहार : बीटा कैरोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे गाजर, रेड पेपर, हरी पत्तेदार सब्जियां, सूखे खुबानी, शकरकंदी आदि।
  • ओमेगा-3 फूड्स : ओमेगा-3 फूड्स जैसे सालमोन मछली, टूना मछली, अलसी के बीज आदि।
  • फ्लेवोनॉइडस : फ्लेवोनॉइडस ग्रीन और ब्लैक टी, सेब, प्याज,  सलाद, टमाटर, बीन्स, शकरकंद और क्विनोआ आदि में पाए जाते हैं।
  • विटामिन D: लोग जिन्हें अस्थमा होता है, उनका विटामिन D का लेवल कम होता है। इसलिए इस लेवल को सही रखने के लिए इसकी पर्याप्त मात्रा लेना आवश्यक है।

क्या खाएं

अस्थमा डाइट प्लान से पहले आपका यह जानना भी आवश्यक है कि आपको इसमें क्या नहीं खाना चाहिए। जानें क्या न खाएं अस्थमा होने पर:

  • अस्थमा में ऐसे भोजन या खाद्य पदार्थों से दूर रहें, जिसमें सल्फाइट की मात्रा हो। सल्फाइट एक केमिकल होता है जो कुछ खाद्य पदार्थों में होता है। यह एक खाद्य परिरक्षक के रूप में कार्य करता है। इससे अस्थमा की समस्या बढ़ती है और लक्षण गंभीर हो सकते हैं। सल्फाइट वाइन, सूखे मेवे, अचार, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों, सूखे फल, डिब्बाबंद सब्जियां और मसालों आदि में पाया जाता है। इसके साथ ही यह कुछ सब्जियों जैसे प्याज में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। कॉर्न स्ट्रेच या सोया में भी होता है।
  • सल्फाइट्स कई नामों से खाद्य पदार्थों में पाया जाता है जैसे सल्फर डाइऑक्साइड, सोडियम सल्फाइट, सोडियम मेटाबिसल्फाइट, पोटेशियम बिसल्फाइट और पोटेशियम मेटाबिसल्फाइट। हालांकि, अस्थमा से पीड़ित सभी लोग सल्फाइट के साइड इफेक्टस को अनुभव नहीं करेंगे। यदि आप सल्फाइट वाले खाद्य पदार्थों के प्रति संवेदनशील महसूस करते हैं, तो एक डायरी में नोट करें और उनखाद्य पदार्थों से बचें, जिनमें सल्फाइट होते हैं। अगर सल्फाइट युक्त आहार का आप सेवन करें, तो थोड़ा ध्यान रखें। हो सके तो ऐसे खाद्य पदार्थों को अस्थमा डाइट प्लान में शामिल न करें।

अस्थमा डाइट प्लान

अगर आप अस्थमा के शिकार हैं तो आपका अस्थमा डाइट प्लान इस प्रकार होना चाहिए:

  • सुबह उठ कर सबसे पहले एक-दो गिलास गुनगुना पानीअवश्य पीएं।
  • नाश्ता (8 :30 AM) : दलिया/ पोहा/ स्प्राउट्स/ उपमा या आप रोटी + उबली हुई सब्जी और फल भी खा सकते हैं।
  • दिन का भोजन(12:30-01:30 PM) 1 कटोरी हरी सब्जियां+ दो रोटी + 1 कटोरी डाल + सलाद / खिचड़ी ।
  • शाम का नाश्ता (05:30-06:00 PM) शाम के नाश्ते में आप सूप/ जूस या फलों को काट कर खा सकते हैं।
  • रात का भोजन (7:00-8:00 PM)  2 रोटियां + 1 कटोरी हरी सब्जियां  + 1 कटोरी दाल खा सकते हैं।
  • सोने से पहले आप एक गिलास गर्म दूध भी पी सकते हैं।

ब्लड प्रेशर मरीजों के लिए डाइट प्लान

हाई ब्लड प्रेशर में क्या खाना चाहिए?

हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए संतुलित और पौष्टिक आहार का चयन करना बेहद आवश्यक है। सही आहार से रक्तचाप को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित किया जा सकता है जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को हाई ब्लड प्रेशर में खाना चाहिए:

  • फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ: हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज जैसे ओट्स और ब्राउन राइस और फलों में पाया जाने वाला फाइबर पाचन को बेहतर बनाता है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
  • पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ: पोटेशियम एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो सोडियम के प्रभाव को कम करता है और रक्तचाप को नियंत्रित रखता है। केला, आलू, एवोकाडो, नारियल पानी और पालक जैसे खाद्य पदार्थ पोटेशियम का बेहतरीन स्रोत हैं। रोजाना इनका सेवन करने से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
  • मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ: मैग्नीशियम भी ब्लड प्रेशर के लिए आवश्यक होता है। नट्स (जैसे बादाम और अखरोट), बीज (जैसे कद्दू के बीज), साबुत अनाज और हरी पत्तेदार सब्जियों में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यह रक्त वाहिनियों को आराम देता है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
  • लोफैट डेयरी उत्पाद: डेयरी उत्पाद जैसे कम वसा वाला दूध, दही और पनीर, कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। लो-फैट डेयरी उत्पाद हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होते हैं और दिल की सेहत को भी बेहतर बनाए रखते हैं।

हाई ब्लड प्रेशर में कौन से फल खाना चाहिए? (Which Fruits to Eat in High BP in Hindi)

फलों में न केवल पोषक तत्व होते हैं बल्कि ये उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मददगार होते हैं। इन फलों का नियमित सेवन उच्च रक्तचाप को प्राकृतिक रूप से कम कर सकता है:

  1. केला

केला पोटेशियम का उच्च स्रोत है जो रक्तचाप को संतुलित रखने में सहायक है। केला खाने से शरीर में सोडियम का प्रभाव कम होता है जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। इसके अलावा केला खाने से ऊर्जा भी मिलती है जो दिनभर के कामों के लिए आवश्यक है।

  1. तरबूज

तरबूज में लाइकोपीन और पोटेशियम होते हैं जो हृदय की सेहत के लिए बहुत अच्छे माने जाते हैं। तरबूज में पानी की मात्रा अधिक होती है जो शरीर को हाइड्रेट रखता है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है।

  1. स्ट्रॉबेरी

स्ट्रॉबेरी में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C होते हैं जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। स्ट्रॉबेरी खाने से रक्त वाहिनियां मजबूत होती हैं जिससे रक्तचाप कम करने में सहायता मिलती है। इसके अलावा स्ट्रॉबेरी का स्वाद भी काफी अच्छा होता है जो इसे और भी खास बनाता है।

  1. अनार

अनार में एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होते हैं जो दिल के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं। अनार का सेवन करने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और रक्त वाहिनियों की दीवारों को मजबूत बनाने में भी मदद मिलती है।

  1. संतरा

संतरे में विटामिन C और पोटेशियम होते हैं जो ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक हैं। संतरा खाने से न केवल ब्लड प्रेशर में सुधार होता है बल्कि शरीर को आवश्यक विटामिन भी मिलते हैं जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं।

हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए

हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन कम या न के बराबर करना चाहिए क्योंकि ये खाद्य पदार्थ रक्तचाप को बढ़ा सकते हैं और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए जानते हैं किन चीज़ों से परहेज करना चाहिए:

  1. नमक

नमक का अधिक सेवन हाई ब्लड प्रेशर का मुख्य कारण है। ज्यादा सोडियम शरीर में पानी को बनाए रखता है जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है। हाई बीपी के मरीजों को नमक की मात्रा कम करने और कम सोडियम वाले विकल्पों का चयन करने की सलाह दी जाती है।

  1. कैफीन युक्त पेय पदार्थ (कॉफी और चाय)

कैफीन रक्तचाप को अचानक बढ़ा सकता है इसलिए कॉफी और चाय का सेवन हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। हर्बल चाय एक बेहतर विकल्प हो सकता है क्योंकि इसमें कैफीन नहीं होता।

  1. चावल

सफेद चावल में कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है जो इंसुलिन के स्तर को प्रभावित कर सकता है और इससे रक्तचाप पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। बेहतर है कि ब्राउन राइस या क्विनोआ का सेवन करें क्योंकि इनमें फाइबर अधिक होता है और ये स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।

  1. फुल फैट डेयरी उत्पाद (दूध और दही)

फुल फैट दूध और दही में सैचुरेटेड फैट होता है जो रक्तचाप बढ़ा सकता है इसलिए लो फैट या स्किम्ड दूध और दही का उपयोग बेहतर माना जाता है क्योंकि यह हृदय और रक्तचाप के लिए सुरक्षित होते हैं।

  1. शराब और धूम्रपान

शराब और धूम्रपान रक्तचाप को अचानक बढ़ा सकते हैं और हृदय के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। हाई बीपी के मरीजों को शराब और तंबाकू से दूर रहना चाहिए ताकि उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि डाइट में पर्याप्त पोषक तत्व होने चाहिए लेकिन अगर अनुशंसित मात्रा का सेवन नहीं किया जाता है, तो कोई सप्लीमेंट भी ले सकता है.ये फूड सप्लीमेंट्स बीमारी को रोककर हमारे स्वास्थ्य को बनाए रखने में हमारी मदद करते हैं।

विभिन्न बीमारियों को दूर रखने  के लिए डाइट चार्ट से जुड़े सवाल-जवाब की किस स्थिति में डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए?

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