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Toggleमोटापा क्या है
जब किसी व्यक्ति का शरीर का वजन, सामान्य से अधिक हो जाता तो उसे मोटापा कहते हैं। आप रोज जितनी कैलोरी भोजन के रूप में लेते हैं, जब
आपका शरीर रोज उतनी खर्च नहीं कर पाता है, तो शरीर में अतिरिक्त कैलोरी फैट के रूप में जमा होने लगता है, जिससे शरीर का वजन बढ़ने लगता है।
मोटापा और शरीर का वजन बढ़ना, ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन के कारण होता है। अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करना भी मोटापे का कारण है। कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन मोटापे का प्रमुख कारण है। असंतुलित व्यवहार औऱ मानसिक तनाव की वजह से लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है।.
मोटे होने का कारण
अधिक वजन (Over Weight) वाले व्यक्तियों के शरीर में अत्यधिक मात्रा में चर्बी (Toxins) जमा हो जाती है। यह शरीर में धीरे-धीरे गलत दिनचर्या, प्रदूषण और अपच के कारण होती रहती है। वजन दो कारणों से बढ़ता है, जो ये है-
- अस्वस्थ खान-पान
- शारीरिक गतिशीलता में कमी
मोटापा बहुत से रोगों से जुड़ा हुआ है, जैसे हृदय रोग, मधुमेह, निद्रा कालीन श्वास समस्या, कई प्रकार के कैंसर और अस्थिसंध्यार्ति। मोटापे का प्रमुख कारण अत्यधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन, शारीरिक गतिविधियों का अभाव, आनुवांशिकी का मिश्रण है। हालांकि मात्र आनुवांशिक, चिकित्सकीय या मानसिक रोग के कारण बहुत ही कम संख्या में लोग मोटे पाये जाते हैं।कम करने के लिए सुबह सुबह पानी थोड़ा गर्म करके मोटापा पीना चाहिए जिस से शरीर के अंदर वसा जमा न हो, जिससे मोटापा नही बड़ेगा
पर्यावरण
हमारे आस-पास की दुनिया स्वस्थ वजन बनाए रखने की हमारी क्षमता को प्रभावित करती है। उदाहरण के लिए:
- क्षेत्र के पार्क, फुटपाथ और किफायती जिम नहीं होने से लोगों के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहना कठिन हो जाता है।
- बड़े आकार का भोजन अमेरिकियों के कैलोरी सेवन को बढ़ाता है, जिससे स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए और भी अधिक शारीरिक गतिविधि आवश्यक हो जाती है।
- कुछ लोगों के पास उन सुपरमार्केट तक पहुंच नहीं है जो ताजे फल और सब्जियों जैसे किफायती स्वस्थ खाद्य पदार्थ बेचते हैं।
- खाद्य विज्ञापन लोगों को अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ, जैसे उच्च वसा वाले स्नैक्स और शर्करा युक्त पेय खरीदने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। 1
आनुवंशिकी
शोध से पता चलता है कि आनुवंशिकी मोटापे में एक भूमिका निभाती है। प्रेडर-विली सिंड्रोम जैसे विकारों में जीन सीधे तौर पर मोटापे का कारण बन सकते हैं ।
जीन किसी व्यक्ति के वजन बढ़ने की संवेदनशीलता में भी योगदान दे सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि जीन किसी व्यक्ति में मोटापा होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं, लेकिन किसी व्यक्ति के अतिरिक्त वजन के लिए प्रचुर मात्रा में भोजन की आपूर्ति या कम शारीरिक गतिविधि जैसे बाहरी कारकों की भी आवश्यकता हो सकती है। 2
स्वास्थ्य स्थितियाँ और दवाएँ
कुछ हार्मोन संबंधी समस्याएं अधिक वजन और मोटापे का कारण बन सकती हैं, जैसे अंडरएक्टिव थायरॉइड, कुशिंग सिंड्रोम और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम ।
कुछ दवाएं भी वजन बढ़ाने का कारण बन सकती हैं, जिनमें कुछ कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, एंटीडिप्रेसेंट्स और दौरे की दवाएं शामिल हैं।
तनाव, भावनात्मक कारक और ख़राब नींद
कुछ लोग ऊबने, क्रोधित होने, परेशान होने या तनावग्रस्त होने पर सामान्य से अधिक खाने लगते हैं।अध्ययनों से यह भी पता चला है कि जो लोग जितना कम सोते हैं, उनमें अधिक वजन या मोटापा होने की संभावना उतनी ही अधिक होती है। ऐसा आंशिक रूप से इसलिए होता है क्योंकि नींद के दौरान निकलने वाले हार्मोन भूख और शरीर द्वारा ऊर्जा के उपयोग को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
मोटे होने का लक्षण
किसी व्यक्ति का उचित वजन कितना होना चाहिए, यह बी.एम.आई. पर निर्भर करता है। बी.एम.आई. दो बातों पर निर्भर करती हैः-
- कद
- वजन
आप बीएमआई से अपने वजन की जांच कर सकते हैं। बी.एम.आई. का यह फार्मूला होता है- वजन (कि.ग्रा. में)/कद (मीटर में )2।
- अगर आपकी बीएमआई 18.5 से कम है तो आप अंडरवेट माने जाएंगे।
- अगर आपकी बीएमआई 18.5 से 24.9 के बीच है तो आपका वजन सामान्य माना जाएगा।
- इसी तरह 25 से 029.9 तक की बी.एम.आई. होने पर ओवरवेट माना जाता है।
- 30 से ज्यादा की बी.एम.आई. होने पर ओबीज या मोटापा कहलाता है।
- गर्भावस्था के दौरान बी.एम.आई. की सीमा लागू नहीं होती है।
- बी.एम.आई. आयु व लिंग पर निर्भर नहीं करता है।
- सांस फूलना
- पसीना में वृद्धि
- शारीरिक गतिविधि के साथ सामंजस्य करने में अचानक असमर्थता का अनुभव करना
- प्रतिदिन बहुतथकानमहसूस करना
- पीठ और जोड़ों में दर्द
- आत्मविश्वासऔर आत्मसम्मान में कमी का अनुभव
- अकेला महसूस करना
- जरुरत से ज्यादा या कम सोना
मोटापे से जुड़ी समस्याएं
मोटापे के कारण कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं जिनमें टाइप 2 डायबिटीज, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (उच्च कोलेस्ट्रॉल, गैस्ट्रोओस्फोजियल रिफ्लक्स डिजिज (जीईआरडी), उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, अवसाद, जोड़ों की ओस्टियोआर्थराइटिस, जोड़ों का दर्द, स्लीप एपनिया और श्वसन समस्याएं, यूरिनरी स्ट्रेस इंकांटिनेंस, अस्थमा और फेफड़ों की समस्याएं और प्रजनन संबंधी समस्याएं। डायबिटीज वाले मरीज के मोटापा बढ़ने से उसकी डायबिटीज की समस्या बढ़ जाती है । सांस फूलना तथा अधिक पसीना आना मोटापे के प्रमुख समस्या है।
उचित वजन- एक युवा व्यक्ति के शरीर का अपेक्षित वजन उसकी लंबाई के अनुसार होना चाहिए, जिससे कि उसका शारीरिक गठन अनुकूल लगे। शरीर के वजन को मापने के लिए सबसे साधारण उपाय है बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) और यह व्यक्ति के शरीर की लंबाई को दुगुना कर उसमें वजन (किलोग्राम) से भाग देकर निकाला जाता है।
एक अत्यधिक मोटे व्यक्ति, जिसका भार/लंबाई अनुपात ४६ कि.ग्रा/मी२: भार:१४६ ki.grA (३२२ पाउण्ड), ऊँचाई १७७ से.मी (५ फीट १० इंच)
भार/लंबाई अनुपात | वर्गीकरण |
< 18.5 | कम भार |
18.5–24.9 | सामान्य भार |
25.0–29.9 | अधिक भार |
30.0–34.9 | श्रेणी-१ मोटा |
35.0–39.9 | श्रेणी-२ मोटा |
> 40.0 | श्रेणी-३ मोटा |
वजन कम करने के लिए लिये उपभोग की जाने वाले खाद्य पदार्थों में यह ध्यान रखना चाहिए कि उनमें प्रोटीन की मात्रा अधिक हो और चर्बी तथा कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम हो। कुछ लोग मोटापा रोकने के लिए पानी पीना कम कर देते है, जबकि ये गलत है, पानी कम पीने से मोटापा नही रुकता उल्टा शरीर में पानी की कमी होने लगती है । चाहे आपको अपना वजन घटाना हो या बढ़ाना हो गर्मियों में रोज 4 से 5 लीटर पानी पिएं और सर्दियों में रोज 2.5 से 3 लीटर पानी जरूर पिए । पानी के साथ आपके शरीर की गंदगी बाहर निकलती है, जिससे आप स्वस्थ रहते हैं । वजन कम करने का सबसे आसान तरीका यही है कि जितनी कैलोरी ऊर्जा आप रोज लेते हो, उससे ज्यादा कैलोरी ऊर्जा रोज खपत करो । अगर आप हर हफ्ते 150-200 कैलोरी ऊर्जा भी कम करते हो तो भी आप अपने टारगेट गोल को जल्दी पूरा कर सकते हो । इसके आलावा तली हुई, और तेलीय चीज खाने से परहेज करे ।यदि आप जल्दी से वजन कम करना चाहते हैं, तो इनमें से कुछ युक्तियां मदद कर सकती हैं, लेकिन त्वरित वजन घटाने शायद ही कभी टिकाऊ होता है। दीर्घकालिक स्वास्थ्य और आदतों पर ध्यान केंद्रित करना, जिनके साथ आप समय के साथ चिपके रह सकते हैं, आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेंगे और इसके परिणामस्वरूप स्थायी वजन घटाने की अधिक संभावना है।
वसा के प्रकार
- आंत की चर्बी
- चमड़े के नीचे की चर्बी
1) आंत का वसा- महत्वपूर्ण अंगों (जैसे लिवर, किडनी, हृदय, अग्न्याशय, आदि) के आसपास जमा वसा।
- इसकी भूमिका आंतरिक अंगों को चोट, झटके आदि से बचाना है।
- यदि अधिक मात्रा में जमा हो जाए तो यह घातक हो सकता है
आंत की चर्बी कैसे बढ़ती है?
कारण:-
- खराब जीवनशैली
- खान-पान की गलत आदतें
- देर रात खाना खाना
- तनाव
वसा के प्रकार
2) चमड़े के नीचे की चर्बी-
- यह त्वचा के नीचे की वसा है।
- यह शरीर को आकार देता है
- यह बांहों, नितंबों और जांघों पर पाया जाता है।
- यह जानलेवा नहीं है.
मोटापा कम करने के लिए हम क्या करते हैं?
आहार- एक आहार से दूसरे आहार पर स्विच करें व्यायाम- जिम जाना शुरू करें।
परिणाम:-
कभी-कभी हमारा वजन कम हो जाता है जो बाद में दोबारा बढ़ जाता है
और कभी-कभी हमारा वज़न कम नहीं होता विषाक्त पदार्थों के संचय के स्रोत
• खान-पान की गलत आदतें
अवशोषण के बाद की अवस्था में जीवन को पूर्ण शारीरिक और मानसिक आराम पर बनाए रखने के लिए शरीर द्वारा आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा।
हार्मोन क्या हैं
चयापचय दर
अवशोषण के बाद की अवस्था में जीवन को पूर्ण शारीरिक और मानसिक आराम पर बनाए रखने के लिए शरीर द्वारा आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा।
हार्मोन क्या हैं
हार्मोन हमारे शरीर में ग्रंथियों द्वारा उत्पादित रासायनिक संदेशवाहक हैं।
- डाइटिंग से बेसल मेटाबॉलिक रेट (बीएमआर) कम होता है
- परिणामस्वरूप पेट क्षेत्र में अधिक वसा जमा हो जाती है
वसा जलने के 7 सिद्धांत
वसा जलाने और वसा भंडारण करने वाले हार्मोन के अपने-अपने ट्रिगर होते हैं
- हार्मोन चयापचय को नियंत्रित करते हैं
- वसा जलने और वसा भंडारण के अपने-अपने ट्रिगर होते हैं
- हार्मोन ट्रिगर या अवरुद्ध होते हैं
- खाना
- व्यायाम
- अन्य गतिविधियों
- इन ट्रिगर्स के साथ 2 चीजें हो सकती हैं। आप वसा जलाने के लिए खा सकते हैं और व्यायाम कर सकते हैं या वसा भंडारण के लिए खा सकते हैं और व्यायाम कर सकते हैं।
- बड़ी छिपी हुई समस्या यह है कि – अधिकांश लोग गलत ट्रिगर का उपयोग करके वसा जलाने वाले हार्मोन को ख़त्म कर रहे हैं।
- यदि आप 7 घंटे सोते हैं तो सही व्यायाम काम कर सकता है।
उदाहरण के लिए- अधिवृक्क शरीर के प्रकार के लिए: यदि आप हार्डकोर व्यायाम करते हैं, तो आप न केवल वसा जलने से रोकेंगे बल्कि आपका शरीर और भी बड़ा हो सकता है। अगर शरीर में एड्रिनल अच्छा है तो व्यायाम काम करेगा। अधिवृक्क शरीर के प्रकार को हल्के और धीमे व्यायाम की आवश्यकता होती है। लिवर बॉडी टाइप के लिए लोगों को गहन व्यायाम की आवश्यकता होती है।
मोटापा घटाने की सर्जरी
जो बहुत अधिक मोटे हैं और आहार में सुधार, व्यायाम तथा/अथवा दवाइयां जैसी वजन घटाने वाली चिकित्सक की निगरानी में की जाने वाली रणनीतियों से वजन नहीं घट रहा हो तो वजन घटाने वाली सर्जरी का सहारा लिया जाता है। यह बहुत अधिक मोटे लोगों के लिए जीवन रक्षक एवं जीवन में बदलाव लाने वाला उपचार है।
यह कैसे किया जाता है : अधिकांश बैरिएट्रिक सर्जरी की प्रक्रियाओं के तहत खाने जाने वाले भोजन की मात्रा को सीमित कर दिया जाता है तथा मरीज कम खाने पर भी ऐसा महसूस करता है कि उसने काफी भोजन कर लिया है। यह सर्जरी हमेशा कीहोल सर्जरी का उपयोग करते हुए की जाती है।
मोटापा कम करने (वजन घटाने) के असरदार घरेलू उपाय
आज अस्वस्थ जीवनशैली के कारण उत्पन्न बीमारियों में से सबसे बड़ी बीमारी मोटापा है। यह बीमारी पूरी दुनिया में एक महामारी बन गई है। भारत में अनेक लोग मोटापा के शिकार हैं। मोटापे के कारण शरीर में कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। जब परेशानियां बढ़ने लगती हैं तो लोग मोटापा कम करने के लिए उपाय (motapa kaise kam kare) खोजने लगते हैं। कई बार उचित जानकारी नहीं हो पाने के कारण लोग अपना वजन घटा नहीं पाते हैं।यहां वजन घटाने के लिए अनेक घरेलू उपाय बताए जा रहे है। आप इन असरदार उपायों द्वारा अपना वजन कम कर सकते हैं।
मोटापा कम करने के लिए दालचीनी का सेवन
लगभग 200 मि.ली. पानी में 3-6 ग्राम दालचीनी पाउडर डालकर 15 मिनट तक उबालें। गुनगुना होने पर छानकर इसमें एक चम्मच शहद मिला लें। सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले पिएँ। दालचीनी एक शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल है, जो नुकसानदायक बैक्टीरिया से छुटकारा दिलाने में मदद करती है।
वजन कम करने के लिए करें अदरक और शहद का प्रयोग
लगभग 30 मि.ली. अदरक के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर पिएँ। अदरक और शहद शरीर की चयापचय क्रिया को बढ़ाकर अतिरिक्त वसा को जलाने का काम करते हैं। अदरक अधिक भूख लगने की समस्या को भी दूर करता है, तथा पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। इस योग को सुबह खाली पेट तथा रात को सोने से पहले लेना चाहिए।
वजन घटाने के लिए नींबू और शहद का उपयोग
एक गिलास पानी में आधा नींबू, एक चम्मच शहद एवं एक चुटकी काली मिर्च डालकर सेवन करें। काली मिर्च में पाइपरीन (piperine) नामक तत्व मौजूद होता है। यह नई वसा कोशिकाओं को शरीर में जमने नहीं देता है। नींबू में मौजूद एसकोरबिक एसिड (Ascorbic Acid) शरीर में मौजूद क्लेद को कम करता है, और शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।
मोटापा घटाने के लिए सेब के सिरके का सेवन
एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका और एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर सेवन करें। इनमें मौजूद पेपटिन फाइबर (Pectin Fibre) से पेट को लम्बे समय तक भरा होने का एहसास होता है। यह लिवर में जमे फैट को घटाने में मदद करता है।
मोटापे से मुक्ति के लिए पत्तागोभी का सेवन
भोजन में पत्तागोभी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। इसे उबालकर या सलाद के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। इसमें मौजूद टैरटेरिक एसिड (Tartaric Acid) शरीर में मौजूद कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) को वसा में परिवर्तित नहीं होने देता। इसलिए वजन कम करने में सहायता मिलती है।
मोटापा कम करने के लिए अश्वगन्धा का प्रयोग
अश्वगन्धा के दो पत्ते लेकर पेस्ट बना लें। सुबह खाली पेट इसे गरम पानी के साथ पिएँ। अश्वगन्धा तनाव के कारण बढ़ने वाले मोटापे में मदद करता है। अत्यधिक तनाव की अवस्था में कोर्सिटोल (Cortisol) नामक हार्मोन अधिक मात्रा में बनता है। इसके कारण भूख अधिक लगती है। शोध के अनुसार, अश्वगन्धा शरीर में कोर्सिटोल (Cortisol) के लेवल को कम करता है।
वजन कम करने के लिए इलायची का सेवन
रात में सोते समय दो इलायची खाकर गर्म पानी पीने से वजन कम करने में सहायता मिलती है। इलायची पेट में जमा फैट को कम करती है, तथा कोर्सिटोल (Cortisol) लेवल को भी नियंत्रित रखती है। इसमें मौजूद पोटेशियम (Potaseium), मैग्नेशियम (Magneseium), विटामिन बी1, बी6 (Vita. B1, B6), और विटामिन सी (Vita. C) वजन घटाने के साथ ही शरीर को स्वस्थ रखते हैं। इलायची अपने गुणों से शरीर में पेशाब के रूप में जमा अतिरिक्त जल को बाहर निकालती है।
मोटापा घटाने के लिए सौंफ का सेवन
-8 सौंफ के दानों को एक कप पानी में पाँच मिनट तक उबालें। इसे छानकर सुबह खाली पेट गर्म -गर्म ही पिएँ। इससे अधिक भूख लगने की समस्या से राहत मिलेगी तथा खाने की इच्छा कम होगी।
मोटापे से मुक्ति पाने के लिए पुदीना का इस्तेमाल
पुदीना की पत्तियों के रस की कुछ बूँद गुनगुने पानी में मिलाएँ। इसे खाना खाने के आधे घण्टे बाद पिएँ। यह पाचन में सहायक तथा चयापचय क्रिया को बढ़ाकर वजन घटाने में मदद करता है। इसका उपयोग लम्बे समय तक किया जा सकता है।
वजन घटाने के लिए त्रिफला चूर्ण का प्रयोग
एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को रात में 200 मि.ली. पानी में भिगा दें। सुबह इसे आधा होने तक उबालें। गुनगुना होने पर इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर पिएँ। कुछ ही दिनों में निश्चित ही वजन कम होगा। त्रिफला शरीर में मौजूद विषाक्त तत्वों को बाहर निकालता है।
मोटापे से छुटकारा के लिए रागी (मंडुआ) का इस्तेमाल
रागी को अपने रोज के भोजन में शामिल करें। मोटापे को कम करने के लिए यह एक बेहतर खाद्य पदार्थ है। यह पाचन की क्रिया को धीमा करता है, जिससे कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate) को शरीर में अवशोषित होने में ज्यादा समय लगता है।
मोटापे से छुटकारा के लिए हल्दी का सेवन
हल्दी में विटामीन बी, सी, पौटेशियम, आयरन, ओमेगा- 3 फेटीऐसिड, एल्फा लिने लोयिक ऐसिड तथा फायबर्स आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, तथा अतिरिक्त चर्बी को घटाने में मदद करता है।
वजन घटाने के लिए त्रिफला और गुग्गुल का सेवन
- त्रिफला, गुग्गुल व मैदोहर वटी की 2-2 गोली लेकर पीस लें। इसे शहद में मिलाकर भोजन के बाद चांट लें। ऊपर से एक कप गुनगुना जल पी लें। ऐसा दिन में 2-3 बार करें।
- त्रिफला (Triphala) शरीर के विषाक्त तत्वों को निकालने में मदद करता है। खासकर आंतों में चिपके हुये पुराने मल को साफ करता है। यह कब्ज को भी ठीक करता है।
वजन कम करने में जीरा, धनिया और अजवायन लाभदायक
जीरा, धनिया, अजवायन और सौंफ के मिश्रण की चाय बनाकर पिएं। आप इसे भोजन के बाद पानी में उबालकर घूंट-घूंट भी पी सकते हैं। तुलसी, नींबू, अदरक की बिना दूध वाली ब्लैक टी पिएं। हमेशा गुनगुने पानी का प्रयोग करें।
वजन घटाने में आंवला लाभदायक
इसमें प्रचुर मात्रा में विटामीन-सी पाया जाता है, जो एक उत्तम एंटी-ओक्सीडेंट है। यह शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह मेटाबोलिज्म बढ़ाने और कैलोरी बर्न करने में मदद करता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
मोटापा घटाने के लिए पिएं गुनगुना पानी
इन फलों का करें सेवन
उबालकर आधा किया हुआ जल आधा-आधा गिलास करके दिन में ढाई से तीन लीटर पीना चाहिए। इससे आम का पाचन भी हो जाता है, और पेट भरा होने से भूख भी कम लगती है। यह हल्का, सुपाच्य, आम का पाचन करता है। यह शरीर के सभी सूक्ष्म से सूक्ष्म गंदगी को साफ करता है, और पेशाब तथा पसीना लाता है।
जठराग्नि को बढ़ाने वाले भोजन जैसे कि अदरक, पपीता, करेला, जीरा, सरसों, सौंफ, अजवायन, काली मिर्च, सोंठ, पिप्पली, सहजन, पालक, चौलाई आदि पत्तेदार सब्जियां लौकी, तोरई, परवल, बींस, सलाद, पत्ता गोभी, खीरा, ककड़ी, गाजर, चुकंदर, सेब आदि लेने चाहिए। जयी, जौ, बाजरा, रागी, मूंग दाल, मसूर, आंवला, नींबू, शहद, हल्दी, एलोवेरा जूस, आंवला जूस, ग्रीन टी, स्टीम किये हुये अंकुरित अनाज आदि का भी सेवन करना चाहिए। मौसमी फल और सब्जियों का सेवन जिस स्थान में व जिस मौसम में जो फल एवं सब्जियां पैदा होती है उनमें से अपनी प्रकृति के अनुसार खाना चाहिए जैसे कि ठण्डी जगहों एवं ठण्डे मौसम में गर्म तासीर वाले भोज्य पदार्थ तथा गर्म जगहों एवं मौसम में ठण्डी तासीर वाले भोजन खाने चाहिए। कम वसा वाले दूध से होता है वजन कम कम वसा वाले दूध का प्रयोग करें क्योंकि इसमें वसा कम होने की वजह से कैलोरी कम होती है जबकि कैल्शियम ज्यादा होता है और यह अतिरिक्त कैल्शियम वजन को घटाता है।
हल्के भोजन से होता है वजन कम सुबह का भोजन भारी, दोपहर का भोजन उससे हल्का व रात्रि का भोजन सबसे हल्का होना चाहिए अर्थात् रात्रि में कम से कम भोजन तथा हल्का व शीघ्र पचने वाला भोजन करना चाहिए।रात में सोने से कम से कम 2 घंटा पहले भोजन करना चाहिए। इसी तरह हो सके तो सूर्यास्त से पहले भोजन कर लेना चाहिए, क्योंकि सूर्यास्त के बाद जठराग्नि मन्द हो जाती है और भोजन पचने में कठिनाई होती है। दिन में नहीं सोना चाहिए। ये मोटापा दूर करने के असरदार उपाय हैं।
अच्छी भूख लगने पर ही खाएं खाना जब खाना पच जाये और तेजी से भूख लगे तब ही अगला भोजन करना चाहिए। भोजन समय पर करना चाहिए तथा जितनी भूख हो उससे थोड़ा कम ही खाना चाहिए। खाना खूब चबा-चबाकर खाना चाहिए। यह वजन कम करने का काफी अच्छा उपाय है।
मोटापा कम करने के लिए आपकी जीवनशैली
वजन घटाने के दौरान परहेज
- सुबह उठकर सैर पर जाएँ, और व्यायाम करें।
- सोने से दो घण्टे पहले भोजन कर लेना चाहिए। ,रात का खाना हल्का व आराम से पचने वाला होना चाहिए।
- संतुलित और कम वसा वाला आहार लें।,वजन घटाने के लिए आहार योजना में पोषक तत्वों को शामिल करें।
- एक साथ ज्यादा खाने की जगह थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ सुपाच्य एवं हल्का खा लेना चाहिए।
- आपके भोजन में हरी सब्जियाँ, फल, दही, छाछ, छिलके वाली दालें और नट्स होने चाहिए।
- फलों के रस व गुनगुने जल का सेवन करते हुए सप्ताह में एक बार उपवास रखना चाहिए
- वजन कम करने के लिए भोजन कभी न छोड़ें। इसकी बजाय संतुलित आहार का सेवन करें और व्यायाम करें। संतुलित आहार के सेवन करने से वजन नहीं बढ़ता एवं व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
- खाना कभी ना छोड़ें। दिन भर में तीन बार भोजन अवश्य करें। अगर आप तीनों समय के भोजन में से किसी एक बार का भोजन छोड़ते हैं तो इसका नतीजा यह होता कि आप अगली बार के भोजन में अधिक आहार का सेवन करते हैं और इसकी वजह से वजन बढ़ता है।
- नाश्ता जरूर करें। दिन भर की शारीरिक क्रियाएँ करने के लिए शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो कि बिना नाश्ते के सम्भव नहीं है।
- मोटापे से मुक्ति पाने के लिए आपको ये परहेज करने होंगेः- चीनी, नमक व मैदा जितना हो सके कम से कम खायें।
- नहीं करें कफ को बढ़ाने वाले आहार का सेवन
- गेहूं के आंटे का अधिक और चावल से बने पदार्थों का कम सेवन
न्यूट्रीचार्ज एस एंड एफ
न्यूट्रीचार्ज एस एंड एफ के एक पाउच को कम वसा वाले दूध के एक गिलास में मिलाएं और डिनर की बजाए इसको लें। 1500 कैलोरी प्रतिदिन के स्वस्थ आहार तथा नियमित व्यायाम का पालन करें। रोज कम से कम 6000 कदम चलें व 250 सीढ़ियां चढ़ें।
न्यूट्रीचार्ज एस एंड एफ, 3 माह में शरीर के वजन में 11 किलो तथा कमर की चौड़ाई में 4 इंच तक की कमी ला सकता है।
Nutricharge S&F (Clinicन्यूट्रीचार्ज एस एंड एफ पुरुष व महिलाओं में मोटापा व चर्बी घटाने के लिए क्लीनकल रूप से सिद्ध है। न्यूट्रीचार्ज एस एंड एफ के एक पाउच को कम वसा वाले दूध के एक गिलास में मिलाएं और डिनर की बजाए इसको लें। 1500 कैलोरी प्रतिदिन के स्वस्थ आहार तथा नियमित व्यायाम का पालन करें। रोज कम से कम 6000 कदम चलें व 250 सीढ़ियां चढ़ें।न्यूट्रीचार्ज एस एंड एफ, 3 माह में शरीर के वजन में 11 किलो तथा कमर की चौड़ाई में 4 इंच तक की कमी ला सकता है।
इसे कौन ले सकता है: 12 वर्ष या अधिक उम्र के पुरुष व महिलाएं
मोटापा घटाने से जुड़े सवाल-जवाब (FAQ Related Obesity)मोटापे की किस स्थिति में डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए?
अगर आपके शरीर का वजन बढ़ा हुआ है, और इससे आपको छोटी-छोटी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, तो यह आम बात है। अगर मोटापे के कारण आपकी एड़ियों या जोड़ों में दर्द होने लगे, या आप सामान्य दिनचर्या अच्छे से नहीं कर पा रहे हों तो डॉक्टर से मिलकर इस समस्या का समाधान पा सकते हैं।